हर अक्ठी पुजारी मनसेन मसे चुने जथै, अउ जउन भगवान सबंध के बातन हे मनसेन के अगुवाई करै के निता ठहराय जथै, जेखर लग ऊ उपहार अउ पाप के माफ के निता बलि चढावा।
अगर लेवी पुजारी हकदार के दवारा सब कुछ पाय सकथै काखे इहै के आसरा हे मनसेन के मूसा कर किताब पाय रथै। ता कउनो दूसर पुजारी के आमै के जरूरत का हबै? अक्ठी असना पुजारी जउन मलिकिसिदक के परम्परा के होय, न कि हारुन के परम्परा के।
मसीह मनसेन के हाथ के बनाय हर पवितर जिघा हे, जउन निक्खा पवितर जिघा के अक्ठी चिन्हा रथै, नेहको घुसिस, जेखर दवारा मसीह हमर पल्ला स्वरग हे भगवान के लिघ्घो उपस्थिति हुइ सकै।
हइ पानी के बतिस्मा के चीन्हा हबै, जउन अब तुम्हर मुकति करथै, बतिस्मा के मतलब देह के मइल धोमै के नेहको, बकि सुध्द हिरदय लग अपन के भगवान के परति सउपना हबै। हइ बतिस्मा यीसु मसीह के जिन्दा हुइ जाय के दवारा हमर मुकति करथै।