काखे जब मूसा सगलू मनसेन के आगू नियम के हर अक्ठी आदेस के पढ के सुनाथै, ता उन पानी, लाल ऊन अउ जूफा के संग रकरन अउ बोकडा कर खून लइस अउ किताब हे अउ सबझन मनसेन हे छीटथै,
तुम आदेस मान के सत्य के गरहन करे हबा अउ हइ मेर बिना कपट के हरमेसा माया के निता अपन आतमा के पवितर के लय हबै, इहैनिता अब तुमही सुध्द हिरदय अउ तन-मन लगाय के अक दूसर लग माया करै चाही।