3 हर अक्ठी पुजारिन के इहैनिता ठहराय जथै कि ऊ भेंट अउ बलि दोनोन के चढामै। अउ इहैनिता हइ पुजारी के नितो जरूरी रहिस कि ओखरो लिघ्घो चढावा के निता कुछु होय।
स्वरग लग उतरे हर ऊ जीवन के रोटी हे आंव, अगर कउ हइ रोटी मसे खाही, ता ऊ सबरोज जिन्दा रही अउ जउन रोटी मै देहुं, ऊ मोर देह हबै जउन मै दुनिया कर मनसेन के निता बलि करिहों।
मै मसीह के संग क्रूस हे टंगाय गयों, अब मै जिन्दा नेहको रहों, पय मसीह मोर हे जिन्दा हबै अउ मै देह हे अब जउन जिन्दा हव ता केबल ऊ बिस्वास लग जिन्दा हव, जउन भगवान कर टोरवा हे हबै, जउन मोर लग माया करिस अउ मोर निता खुदय के दइ दय हबै।
इहैनिता उके हर मेर लग ओखर भाई के जसना बनाय गइस ताकि ऊ भगवान के सेबा हे दया बाले अउ बिस्वास करै बाले पुजारी बन सकै अउ मनसेन के पापन लग छमा के निता जीव दइ सकै।
हर अक्ठी पुजारी मनसेन मसे चुने जथै, अउ जउन भगवान सबंध के बातन हे मनसेन के अगुवाई करै के निता ठहराय जथै, जेखर लग ऊ उपहार अउ पाप के माफ के निता बलि चढावा।
दूसर पुजारी के जसना उके जरूरी नेहको कि रोज दिना आगू अपन पापन के निता अउ फेर मनसे के पापन के निता बलि चढाबै, यीसु तो सबरोज के निता हमर पापन के निता अपन खुद के बलि चढाय दइस।
जब हइ सही हबै ता मसीह के खून केतका सक्तिसाली होही। ऊ सबरोज जिन्दा रहै बाले आतमा के दवारा अपन खुद के अक्ठी सगलू बलि के जसना भगवान के सउप दइस। ता ओखर खून हमर मन के उन मरे हर कामन लग काखे सुध्द नेहको करही, ताकि हम जिन्दा भगवान के सेबा के सकि।