10 फेर परभु हइ कथै, ऊ टेम गुजर जाय के बाद मै इस्राएल देस के निता, हइ टीमा बंधिहों मै अपन नियम उनखर मन हे डलिहों, उनखर हिरदय हे ओही लिख दइहों। मै उनखर भगवान हुइहों, अउ उन मोर मनसे हुइहीं।
पय उन तो स्वरग के अक्ठी बडा परदेस के खोज हे लगे रथै, इहैनिता भगवान के उनखर भगवान कहामै हे डर नेहको हबै, काखे उन तो उनखर निता अक्ठी सहर तइयार करके रखे हबै।
इहैनिता तुम्हर जिन्दगी हे जउन बुराई अउ गुस्सा हबै, उके दूर करके ऊ संदेस के नमरता लग अपनाउत जा, जउन तुम्हर मन हे बोय जथै, अउ तुम्हर आतमा के मुकति करै हे सक्ति हबै।
पय तुम अक्ठी चुने हर पुरखा अउ राज पदधारी याजकन के समाज अउ पवितर मनसे अउ भगवान के खास मनसे हबा, जेखर लग तुम ओखर महान कामन के घोसना कर सका, जउन तुमही अंधियार मसे निकार के अपन अथाह उजियार हे बोलाय लय हबै।