अगर लेवी पुजारी हकदार के दवारा सब कुछ पाय सकथै काखे इहै के आसरा हे मनसेन के मूसा कर किताब पाय रथै। ता कउनो दूसर पुजारी के आमै के जरूरत का हबै? अक्ठी असना पुजारी जउन मलिकिसिदक के परम्परा के होय, न कि हारुन के परम्परा के।
मलिकिसिदक के न दाय-बाफ हबै अउ न कउनो सियानन के पुरखा तक नेहको मिलथै अउ ओखर पइदाइसी के पता हबै अउ न मरै के कउनो जानकारी हबै। भगवान कर टोरवा मेर ऊ सबरोज के जीवन के निता पुजारी बनै रथै।