1 हर अक्ठी पुजारी मनसेन मसे चुने जथै, अउ जउन भगवान सबंध के बातन हे मनसेन के अगुवाई करै के निता ठहराय जथै, जेखर लग ऊ उपहार अउ पाप के माफ के निता बलि चढावा।
बिस्वास लग हाबिल कैन लग बढिहा भेंट भगवान के चढाइस अउ उहै के दवारा ओखर धरमी काम करै के गवाह दय जथै, काखे भगवान ओखर बलि के बारे हे गवाह देइस अउ ओखरै दवारा हाबिल मरै गइस अउ बिस्वास के कारन ऊ आज बोलथै पय ऊ मर चुके हबै।
इहैनिता उके हर मेर लग ओखर भाई के जसना बनाय गइस ताकि ऊ भगवान के सेबा हे दया बाले अउ बिस्वास करै बाले पुजारी बन सकै अउ मनसेन के पापन लग छमा के निता जीव दइ सकै।
दूसर पुजारी के जसना उके जरूरी नेहको कि रोज दिना आगू अपन पापन के निता अउ फेर मनसे के पापन के निता बलि चढाबै, यीसु तो सबरोज के निता हमर पापन के निता अपन खुद के बलि चढाय दइस।