“यूहन्ना बतिस्मा देय बाले के आमै तक मूसा कर नियम अउ ग्यानी मनसे परभावित रथै, ओखर बाद भगवान कर राज के संदेस सुनाय जथै अउ बोहत मनसे भगवान कर लिघ्घो आमैके परयास करत हबै।
ऊ भोजन के निता मेहनत झइ करा, जउन नास हुइ जही, पय ओखर निता मेहनत करा जउन सबरोज के जीवन ठहरथै, जउन मनसे कर टोरवा तुमही देही काखे बाफ भगवान उहै हे छाप लगाय हबै।
पिछले टेम हे तुम हइ दुनिया के चाल चलन बादर के हक जमामै बाले भुतवा के बस हे रथा, मतलब ऊ आतमा जउन अबे तक आदेस न मानै बाले हे काम करथै, उहै के जसना जीवन जियत रथन।
हे पिरिया मोर भाई बेहन जउन मेर तुम हरमेसा मोर बात मानत हबा, उहै मेर अब मोर उपस्थिति लग जादा मोर अनुपस्थिति हे अउ जादा खुसी लग तुम डरत कापत अपन मुकति के काम हे लगे रहा।
जिनही पहिले संदेस सुनाय रहिन उन आदेस नेहको मानै के कारन उन तो सुस्ताय के रोज हे नेहको परवेस के सकिन, पय अउ झन के निता सुस्ताय के रोज के दूरा अबे उघरे हर हबै।
भगवान उन मनसेन के चेतावनी देय के निता, जउन भभिस्य हे पाप करैका सोचहीं, ता सदोम अउ अमोरा के सहर के भसम करके बिनास के सजा दइस, कि उन आमै बाले पापिन के निता उदाहरन बन जाय। असना सजा दयइस कि उनही नास करके राख के दइस,