1 इहैनिता जउन हम सुने हबन, ओहमा अच्छी मेर लग धियान देयका चाही, कहुं असना झइ होय कि हम रास्ता लग भटक जइ।
तुम अबहुन तक हे नेहको समझ पाय हबा का? सुरता करा कि उन पांच हजार मनसेन के निता पांचठे रोटी हे पुर गय रहिस अउ केतका छन्नी भर रोटी उठाय रहा।
काखे तुम्हर आंखी रहत भरमा नेहको देखथा, अउ कान रहत भरमा नेहको सुनथा? अउ सुरता नेहको धरथा।
निक्खा भुंइ लग गिरेहर बिजहा ऊ मनसे हबै, जउन बचन सुनके उके सच्चे अउ निस्कपट मन हे समार के रखथै अउ अपन धीर धरै के कारन फडुहा लानथै।
जउन बात मै कथो, तुम धियान लग सुना, मनसे कर टोरवा यीसु मनसे के हाथ हे पकडोय बाले हबै।
हइ सुनथै उन यीसु के मारै के निता पथरा उठाथै, पय यीसु लुक के बिनती भवन लग हुइके निकड जथै।
का तुम ऊ बचन के बिसर गय हबा जउन भगवान तुमही टोरवा मान लय रहै, मोर टोरवा, “परभु के नियम के बेकार झइ समझा, अउ ओखर डांट फटकार लग हिम्मत झइ हारा,
मै एखर पूर धियान रखिहों, कि मोर कढ जाय के बाद तुम सगलू हइ बातन के सुरता रख सका।
हे पिरिया भाई अउ बेहन मै तुमही दूसर बेर चिट्ठी लिखथो, इन चिट्ठी हे मै कुछ बातन के सुरता करवाय के तुम्हर साफ सुथरा दिमाक के सचेत करै चाहथो।