9 कइन मेर के सिक्छा के बहकाबा हे झइ बहि जइहा, काखे मन के निता सही हबै कि ऊ अनुगरह के दवारा मजबूत करे जाय न कि खाय पिये के चीज लग, खाना पीना के रीति रिबाज के दवारा कउनोन के फायदा नेहको हुइस।
“अब मै तुम के भगवान अउ ओखर अच्छा संदेस के अनुगरह के हाथन हे सउपथो, उहै तुमके बनाय बाले हबै अउ तुमके उन मनसे के संग जेखर पवितर करे जा चुके हबै, उहै तुम्हर उतराधिकारी देवाय सकथै।
जउन कउनो रोज के मानथै, ऊ परभु के निता मानथै, जउन खथै, ऊ परभु के निता खथै, काखे ऊ भगवान के धन्यबाद करथै, अउ जउन नेहको खथै, ऊ परभु के निता नेहको खथै, अउ भगवान के धन्यबाद करथै।
कउ इहो कइहीं, “पय खाना लादा के निता हबै अउ लादा खाना के निता हबै।” हव, पय भगवान दोनो के नास के देही। देह गलत काम के निता नेहको, बलुक परभु के निता हबै, अउ परभु हमर देह के निता हबै।
“खाना हमही भगवान के लिघ्घो नेहको पहुंचाय सकथै।” अगर हम मूरती हे चढाय हर परसाद नेहको खाबो ता ओखर लग हमही कउनो नुसकान नेहको, अउ अगर हम ऊ परसाद के खथन, ता ओखर लग हमही कउनो फायदा नेहको होही।
हे पिरिया संगी सब आतमा हे बिस्वास झइ करा, बलुक उनही परख के देखा कि उन भगवान के पल्ला लग हबै या नेहको, काखे बोहत लग ठगरा ग्यानी मनसे दुनिया हे आय गय हबै।
हइ मनसे अपन बेसरमी इफाजत लग ऊ तुम्हर संगति के खाना गन्दा धब्बा के जसना हबै, केबल अपन धियान रखथै, हइ बादर के जसना हबै जउन हवा के संग लइ जथै, पय बरसा नेहको लाथै, ऊ उन रूख के जसना जेहमा फडुहा नेहको लगथै, इहां तक कि पतझडो हे रूख जउन जर के खींच लइ गय हबै, अउ पूरी तरह लग दुइ बेर मर चुके हबै।
हे मोर पिरिया संगी, मै बोहत चाहथो कि तुमके ऊ मुकति के बारे हे लिखो, जेहमा हम सहभागी हबन, मै तुमके लिखे के अउ तुमके खुस करै के जरूरी समझो ताकि तुम ऊ बिस्वास के निता मेहनत करथा, जेही भगवान अपन पवितर सेबक के अक्कै बेर निता सउप दय हबै।