5 का तुम ऊ बचन के बिसर गय हबा जउन भगवान तुमही टोरवा मान लय रहै, मोर टोरवा, “परभु के नियम के बेकार झइ समझा, अउ ओखर डांट फटकार लग हिम्मत झइ हारा,
ऊ इछो नेहको हबै, पय ऊ जिन्दा हुइ गय हबै, सुरता करा कि ऊ गलील सहर छो रहत, तुम्हर लग कहे रथै।
ता डउकी के ओखर बात सुरता आथै।
तउभरमा जब परभु हमही दोसी ठहराथै, ता हइ हमर सुधार के निता हबै, जेखर हम दुनिया के संग दोसी झइ ठहरी।
इहैनिता हम निक्खा काम करत-करत हिम्मत झइ हार, काखे अगर मजबूत बने रहब ता टेम आय लग जरूर हमके फडुहा मिलही।
उनखर मसे हुमिनयुस अउ सिकन्दर हबै, जिनके मै भुतवा के हाथ हे सउप दय हबो जेखर लग ऊ हइ ग्यान ले कि भगवान के बुराई करै के झइ सीखय।
तुम जउन दुख सहत हबा, उके परभु के नियम समझा, काखे ऊ एखर परमाड हबै कि भगवान तुमही अपन टोरवा मान के बेउहार करथै अउ कउन असना लरका हबै, जिनही दाय-बाफ के दवारा डांटै नेहको गइस?
हे भाई अउ बेहन, मै तुम्हर लग बिनती करथो कि हइ संदेस के बात के धीर लग सह लइहा, काखे मै बोहत सरल हे चिट्ठी लिखे हव।
धन्य हबै ऊ, जउन मनसे परिक्छा हे ठाड रथै काखे परिक्छा हे खरा उतरै हे उके जीवन के ऊ मुकुट मिलही, जेही परभु अपन सेबक के दे के टीमा अपन माया करै बाले लग करे हबै।
मै जिनखर लग माया करथो, उनके दांकथो अउ सजा देथो, इहैनिता उकसामै बाले बना अउ पाप लग मन फिराबा।