23 अउ स्वरग के पहिले पइदा सिध्द मनसेन के मंडली अक जिघा होथै, जउन सब के नियाव करैबाले भगवान पूरी तरह लग पाय हर धरमी कामन के आतमा, जेखर नाम स्वरग हे लिखे हर हबै।
बिस्वास लग हाबिल कैन लग बढिहा भेंट भगवान के चढाइस अउ उहै के दवारा ओखर धरमी काम करै के गवाह दय जथै, काखे भगवान ओखर बलि के बारे हे गवाह देइस अउ ओखरै दवारा हाबिल मरै गइस अउ बिस्वास के कारन ऊ आज बोलथै पय ऊ मर चुके हबै।
मोर सच्चा सहकर्मी तुम्हर लग मोर बिनती हबै कि इन डउकिन के मदद करा, क्लेमेन्ट अउ मोर दूसर सहकरमी समेत संदेस के परचार हे मोर संग बने रहे, उनखर नाम जीवन के किताब हे लिखे गय हबै।
अबे तो हमही अइना हे पोतरे मेर दिखथै, पय ऊ टेम हम सामनिक सामना देखब, मोर ग्यान हइ टेम अदबिलोन हबै, पय तब मै उहै मेर सबैमेर लग जान जइहों, जउन मेर भगवान मोके जान गय हबै।