मनसे खुदय हमके गुठेथै, कि तुम्हर इहां हमर कइसा सोगत हुइस अउ तुम कइसन मेर के देबी देउता के छांडके भगवान के लिघ्घो आयन, जेखर लग तुम सही अउ जिन्दा भगवान के सेबक बना।
पय उन तो स्वरग के अक्ठी बडा परदेस के खोज हे लगे रथै, इहैनिता भगवान के उनखर भगवान कहामै हे डर नेहको हबै, काखे उन तो उनखर निता अक्ठी सहर तइयार करके रखे हबै।
जब हइ सही हबै ता मसीह के खून केतका सक्तिसाली होही। ऊ सबरोज जिन्दा रहै बाले आतमा के दवारा अपन खुद के अक्ठी सगलू बलि के जसना भगवान के सउप दइस। ता ओखर खून हमर मन के उन मरे हर कामन लग काखे सुध्द नेहको करही, ताकि हम जिन्दा भगवान के सेबा के सकि।
अउ अगर आगू कर बात के हइ किताब हे लिखे हर बचन मसे कउनो अक्ठी सब्द हटाय जही ता भगवान हइ किताब हे लिखे हर जीवन रूख अउ पवितर सहर मसे ओखर भाग ओखर लग निकाड देही।
जउन जीत पाही उके मै अपन भगवान के मन्दिर हे अक्ठी खम्भा बनाहुं। अउ ऊ फेर कबहुन बाहिर नेहको निकडही अउ मै अपन भगवान के नाम अउ अपन भगवान के सहर मतलब नबा यरुसलेम के नाम, जउन मोर भगवान के लिघ्घो लग स्वरग लग उतरै बाले हबै अउ अपन नबा नाम ओखर उप्पर लिखहुं।
फेर मै देखो कि अक्ठी अउ स्वरगदूत हबै, जउन दिन उगती तरफ लग आउत देखथै, ऊ जिन्दा भगवान के सील लय हर रथै अउ ऊ उन चारो स्वरगदूतन लग जेही भुंइ अउ बादर के नास के देय के हक दय गय रथै, बोहत सब्द लग चिल्लाय के कहत रहै।