16 तुम्हर हे कउ गलत काम करै बाले झइ होय अउ न एसाव के जसना भगवान के बिरोधी असुध्द, जउन आगू बाले टोरवा होंय के अपन हक के अक्ठी खाना के निता बेच दइस।
मनसेन के मन लग असना निकरथै, गलत खयाल, गलत काम बाले, चोरी, हत्या।
पय उनही लिख के भेजथै, कि उन मूरती के असुध्द अउ गलत काम अउ गला घोटे हर के मांस ले अउ खून ले दुरिहां रहबे।
तुम मूरतिन अउ बलि करे हर ले अउ खून ले अउ नटेरी घोटे हर के मास ले अउ गलत काम बाले डउकी ले दुरिहां रइहा। एखर ले दुरिहां रहा ता तुम्हर भला होही। आगू सुभ।”
हम उनखर मेर गलत काम झइ करी, जसना कि उनखर मसे कुछ मनसे गलत काम करिन अउ अकै रोज हे तेइस हजार मर गइन।
मोके डर हबै कि जब मै फेरै तुम्हर लग मिलै आंव ता तुम्हर आगू मोर भगवान कहुं मोके लज्जित झइ करै, अउ मोके उन मनसे के निता आसूं बहामै का पडै, जिनही पहिले पाप करे हबै, अउ असुध्द, गलत काम, अउ सरीरिक सबंध हे बुढे रहै के निता छमा नेहको मांगे हबै।
जसना पवितर मनसेन के निता जरूरी हबै, तुम्हर बीच हे गलत सबंध झइ होय, अउ कउनो मेर के असुध्द या लालच के जसना बात सुनै के झइ मिलै।
काखे तुम हइ जानथा कि कउनो गलत काम या असुध्द, लालची मनसे जउन मूरती पूजा के बरोबर हबै, मसीह अउ भगवान के राज के हकदार नेहको हुइ सकथै।
इहैनिता तुम अपन देह के आदत के मार डाला, जउन दुनिया के हबै, मतलब गलत काम, असुध्द, लालसा, लोभ, बिसय वासना के जउन मूरती पूजा के जसना हबै।
हमके सुरता रहै कि हइ नियम धरमी जन के निता निरधारित नेहको होय हबै, बलुक अधरमी, निरंकुसो, भक्तिहीनो, पापिन, अपवितर अउ असुध्द मनसे, दाय दादा के घात करै बाले, या हत्यारों,
काज सब हे इज्जत के बात समझा अउ काज के डेसना सुध्द निरमल रहै, काखे भगवान बेभिचार करै बालेन के अउ पराय डउकिन के नियाव करही।
पय डरपुच्चा, अबिस्वासी, गलत काम करै बाले, टोनहा अउ मूरती पूजा, सब झूठ बोलै बाले के जिघा ऊ दहार हे होही, जउन आगी लग कुन्ड धंधकत रथै इहै आय दूसर मिरतू।”
पय कुकरा अउ जादू टोना करै बाले, गलत काम अउ खुनहा अउ मूरती पूजा अउ हर कउ झूठ के रास्ता हे चलथै अउ झूठ के माया करथै, उन बाहिर पडे रइहिन।