10 उन तो अपन-अपन समझ के जसना हइ सबरोज के जीवन के निता हमही तइयार करै के उदेस्य लग डांट फटकार करथै, पय भगवान हमर भलाई के निता असना करत हबै, काखे ऊ हमही अपन पवितर के भागीदारी बनामै चाहथै।
पय तुम अक्ठी चुने हर पुरखा अउ राज पदधारी याजकन के समाज अउ पवितर मनसे अउ भगवान के खास मनसे हबा, जेखर लग तुम ओखर महान कामन के घोसना कर सका, जउन तुमही अंधियार मसे निकार के अपन अथाह उजियार हे बोलाय लय हबै।
उस महिमा के दवारा ऊ हमर निता अपन बडा अउ कीमती टीमा के पूर करे हबै, इहैमेर तै ऊ असक्ति लग बच गय, जउन बेकार वासना के कारन दुनिया हे बसे हबै अउ तै भगवान बेउहार के सहभागी बन गय हबस।