5 बिस्वास लग हनोक जिन्दा स्वरग छो कढ गइस ऊ मिरतू के नेहको देखिस, काखे भगवान उके स्वरग हे उठाय लय रहिस अउ ओखर उठाय जाय लग पहिलेन ओखर बारे हे हइ कथै कि ऊ भगवान के मगन करे रहिस।
अउ बिस्वास के बिना भगवान के मगन करै के मुस्किल हबै, जउन भगवान के लिघ्घो आमै चाहथै उके बिस्वास करै के चाही, कि भगवान हबै अउ ऊ उन मनसेन के आसीस देही, जउन भगवान के खोजै हे लगे रथै।
पय हम हइ देखथन कि यीसु कुछ टेम के निता स्वरगदूतन लग नान बन गइस, पय मिरतू लग गुजरै के बाद यीसु के महिमा अउ इज्जत के मुकुट पहिनाय गइस, हइ मेर ऊ भगवान के अनुगरह किरपा लग हर अक्ठी मनसेन के निता मिरतू के मिठास चीख सकै।