बिस्वास के अपन मन हे धरे इन मनसे मर जथै। जउन चीज के टीमा करे गय रहिस, उन ऊ चीज के नेहको पाथै, पय उन ओही दुरिहां लग देखिन अउ ओखर मेहमानी करिन। उन अपन के हइ भुंइ हे बाहरी अउ अनचिन्हार मानत रहिन।
पय उन तो स्वरग के अक्ठी बडा परदेस के खोज हे लगे रथै, इहैनिता भगवान के उनखर भगवान कहामै हे डर नेहको हबै, काखे उन तो उनखर निता अक्ठी सहर तइयार करके रखे हबै।