हे पिरिया भाई तुम खुदय के नियाव झइ करा, पय उके भगवान के क्रोध हे छांड देया, काखे पवितर किताब हे लिखररे हबै, परभु कथै, पलटा लेय के मोर काम हबै, मै पलटा लेहूं।
काखे उन तुम्हर अच्छाई के निता भगवान के हरवाह हबै पय अगर तुम बेकार काम करथा, ता उनखर लग डर, काखे ओखर हाथ हे तलबार बेकार नेहको हबै, ऊ भगवान के चुने हर सेबक हबै, ओखर क्रोध के साधन हुइके कुकरमिन के सजा देथै।