11 ऊ तो नास हुइ जही, पय तै बने रइहे, अउ ऊ सगलू खुरथा पइजामा के जसना जुनहा हुइ जही।
बादर अउ भुंइ टर जइही, पय मोर बात कबहुन नेहको टरही।”
बादर अउ भुंइ बढय जही, पय मोर बात कबहुन नेहको बढाही।
बादर अउ भुंइ टर जही, पय मोर बात कबहुन नेहको टर सकथै।
अक्कै बेर अउ हइ सब्द लग इसारा मिलत हबै कि जउन चीज डोलाय जही, उन सिरजे हर चीज होय के कारन टर जही अउ जउन नेहको डोलाय जही उन बने रही।
भगवान हइ टीमा के “नबा” कहिके गोहराथै, इहैनिता ऊ पहिले के टीमा के खतम के दय हबै। जउन पुरान अउ बेउहार के काबिल हबै ऊ खतम होय बाले हबै।
“जउन कुछु तै देखथै उके किताब हे लिखके सातठे मंडली के लिघ्घो पठोय दे इफिसुस, स्मुरना, पिरगमुन, थुआतीरा, सरदीस, फिलदिलफिया अउ लउदीकिया के।”
स्मुरना के मंडली के दूत के हइ लिख, “ऊ जउन पहिला अउ आखरी हबै, जउन मर गय रथै अउ अब फेरै जिन्दा हुइ गय हबै, ऊ हइ मेर कथै।
फेर मै अक्ठी बडा चरका राजगद्दी के अउ उके ओखर उप्पर बइठे रथै, देख ओखर आगू लग भुंइ अउ बादर भुलाय गइस, उनखर पता तक नेहको चल पाइस।
तब फेर मै अक्ठी नबा स्वरग अउ नबा भुंइ देखो, काखे पहिला स्वरग अउ पहली भुंइ भुलाय चुके रथै अउ ऊ समुन्दरो नेहको रहिस।