हे भाइयो, हम तुम्हर लग बिनती करथन कि जउन बिगड गय हबै, उनही डांटा जउन डेराय हबै, उनही हिम्मत देया जउन कमजोर हबै उनखर सहयोग करा अउ सबझन के संग धीर धरै बाले बने रइहा।
ऊ अपन देह हे हमर पापन के क्रूस हे लाद लइस, जेखर लग हम पाप के निता मर के नियाइपन के निता जिये लग जइ, तुम ओखरै मार खाय के दवारा तुम नांगा लग निक्खा होय हबा।
सही तो इहै होथै कि उन नियाइपन धरमी रास्ता के अहसास नेहको होय होतिस बजाय एखर लग कि ऊ ओही जानै के बाद, जउन पवितर आदेस उनही सउपे गय रथै ओखर लग उन मुंह मोडथै,