“परभु कर आतमा मोर संग हबै, काखे ऊ मोर अभिसेक करे हबै, ऊ मोके पठोय हबै, कि मै कंगालन के संदेस सुनाव, अउ जेलियरन के मुकति करो, अउ अंधरन के फेरै आंखी देय के संदेस दों, मै दलित मनसेन के आजाद करव।”
जिहां तक मोर बात हबै, मोर लिघ्घो जउन कुछु हबै, तुम्हर खुसी के निता खरच करिहों, इहां तक कि खुद के तुम्हर निता खरच के डरिहों, अगर मै तुम्हर लग जादा माया करथो, ता भला तुम मोके कम माया कइसन करिहा।
हइ सबाल उन ठगरा भाइन के कारन उठे रथै, जेही मंडली हे गुप्त रूप लग लाय गय रथै, जउन चुप्पेचाप घुस आथै, कि यीसु मसीह ले मिलेहर हमर आजाद के भेद लग अउ हमके गुलाम बनाय ले।
काखे हमर मसे कुछ मनसे चुपके लग घुस आथै, हइ मनसेन के नियाव के बारे हे किताब हे बोहत पहिले आगू कर बात गुठे दय रहै, हइ मनसे भगवान बिहीन हबै। हइ मनसे भगवान के अनुगरह किरपा के बिलास के अक्ठी बहाना बना डारे हबै अउ हइ हमर परभु अक्ठी गुरू यीसु मसीह के नेहको मानथै।