तब पतरस उनखर लग कथै, “मन बदला अउ अपन पापन के छमा पामै के निता तुम्हर मसे हरेक झन के यीसु मसीह के नाम लग पानी हे बतिस्मा ले चाही अउ तुमही पवितर आतमा के बरदान मिलही।
काखे संदेस हे हइ दरसाय गय हबै, कि भगवान मनसे के अपन जसना सही कइसन बनाथै, हइ सुरु लग आखरी तक बिस्वास हे टिके हबै, जसना कि किताब हे लिखे हबै, धरमी मनसे बिस्वास लग जिन्दा रही।
उनखर हे परगट करे गइस कि जब उन संदेस सुनाउत रहिन, तब उन अपन निता नेहको, पय तुम्हर सेबा के निता बात करथै। अब संदेस के परचार स्वरग लग पठोय हर पवितर आतमा के दवारा लग, तुमही उहै संदेस सुनाथै, स्वरगदूतो इन बातन के पूरी जानकारी हासिल करै के निता तइयार हबै।