तुम सब के बारे हे मोर निता असना सोंच बढिहा हबै, काखे तुम सब मोर मन हे बसे हबा, अउ न बलुक तब जब मै जेल हे बेडररे रहों, तबो मै संदेस के सत्य के मदत करत ओखर परतिस्ठा हे लगे रहों, तुम सब ई खासके मोर संग अनुगरह हे सहभागी रहे हबा।
तुम हमर निता बिनती करा, जेखर लग भगवान संदेस सुनामै के हमर निता दूरा खोल दे, अउ मसीह के भेद के परगट के सकि, जेखर निता मै जेल हे बन्द हव, ओही परगट करै के निता मउका मिलही।
तुम जानथा कि हम कुछ टेम पहिले फिलिप्पी सहर हे बेकार बेउहार अउ बेज्जती सहै का पडे रथै तउभरमा हम अपन भगवान के उप्पर बिस्वास रखके, बोहत बिरोध के सामना करत हिम्मत के संग तुम्हर बीच भगवान के संदेस के सुनायन।
हे मोर पिरिया संगी, मै बोहत चाहथो कि तुमके ऊ मुकति के बारे हे लिखो, जेहमा हम सहभागी हबन, मै तुमके लिखे के अउ तुमके खुस करै के जरूरी समझो ताकि तुम ऊ बिस्वास के निता मेहनत करथा, जेही भगवान अपन पवितर सेबक के अक्कै बेर निता सउप दय हबै।