2 “अपन दाय-बाफ के इज्जत करा हइ पहली आदेस हबै जेखर संग टीमा हबै,
जेही जउन कुछु देय जाय के निरधारित हबै, उके ऊ देया, जेही पइसा देय के हबै, उके पइसा देया, जेही पइसा उके पइसा देया, जेखर लग डरै का चाही, ओखर लग डर अउ जेखर इज्जत जरूरी हबै, ओखर इज्जत करा।
कि तोर भला होय, अउ तै भुंइ हे बोहत रोज जिन्दा रइहे।”
अगर कउनो बिधवा के लरका या नाती पोता होय, ता उन आगू अपन बिरादरी के संग भक्ति के बरताव करना, अउ अपन दाय बाफ आदि के उनखर हक देय के सीखय, काखे हइ भगवान के भाथै।