27 भुतवा के मउका झइ देया।
पतरस उनखर लग कथै, “हे हनन्याह भुतवा तोर मन हे हइ बात काखे डाले हबै, कि तै पवितर आतमा लग झूठ बोले हबस अउ खेत के बेचे हर कुछ पइसा बचाय के रख लय?
हे पिरिया भाई तुम खुदय के नियाव झइ करा, पय उके भगवान के क्रोध हे छांड देया, काखे पवितर किताब हे लिखररे हबै, परभु कथै, पलटा लेय के मोर काम हबै, मै पलटा लेहूं।
भगवान के सगलू हथियार बांध लेया कि तुम भुतवा के बेकार चाल के आगू ठाढ रह सका।
हइ सब लग बडी बात हइ हबै, कि बिस्वास के ढाल के रूप हे लइ लेया, जेखर दवारा तुम भुतवा के उन सगलू जलत तीरन के बुझवा सका।
तुम भगवान के अधीन रहा, भुतवा के सामना करिहा अउ ऊ तुम्हर लिघ्घो लग भाग जही।
तुम धीर धरे रइहा, अउ जगत रइहा काखे तुम्हर बिरोधी परेत गरजय बाले बघवा के जसना हबै हइ खोज हे बागत रथै कि करही चीर खाव।