14 ऊ आतमा हमर वारिस के रूप हे जमानत के रूप हे ऊ टेम तक हे दइ दय गय हबै, जब तक कि ऊ हमही जउन ओखर अपन हबै पूर मेर लग मुकति नेहको दइ देथै, एखर कारन मनसे ओखर महिमा के बडाई करै।
“अब मै तुम के भगवान अउ ओखर अच्छा संदेस के अनुगरह के हाथन हे सउपथो, उहै तुमके बनाय बाले हबै अउ तुमके उन मनसे के संग जेखर पवितर करे जा चुके हबै, उहै तुम्हर उतराधिकारी देवाय सकथै।
जउन हमर उप्पर अपन मालिक के छाप लगाइस अउ हमर भित्तर गवाही के रूप हे ऊ पवितर आतमा हमर मन हे दइस जउन हइ बात के साबूत हबै, कि जउन दे का बचन ऊ हमके दय हबै, उके ऊ हमके देही।
पय तुम अक्ठी चुने हर पुरखा अउ राज पदधारी याजकन के समाज अउ पवितर मनसे अउ भगवान के खास मनसे हबा, जेखर लग तुम ओखर महान कामन के घोसना कर सका, जउन तुमही अंधियार मसे निकार के अपन अथाह उजियार हे बोलाय लय हबै।