इहैनिता उन पूछथै अउ कथै, गुरू हम जानथन, कि जउन निक्खा बात हबै, तै उहै बात के गुठेथस अउ उहै के आदेस देथस अउ न तै कउनो के पल्ला लेथस, पय निक्खा भगवान कर रास्ता के सिक्छा देथस।
जउन मालिक हबै, ऊ दास के संग असना बेउहार करै अउ उनके डरामै धमकामै के छांड दे, हइ धियान रखत कि तुम दोनो झन के मालिक स्वरग हे हबै, जेखर आदत हे कउनो मेर के पक्छपात नेहको हबै।
कउनो भाई के मान मरयादा के बेज्जती झइ करै अपन साथी बिस्वासिन के तंग झइ करिहा, काखे इन सब के बारे हे खुद परभु बदला लेही, जसना कि हम तुमही साफ सब्द हे समझाय चुके हबन।