21 तुम जउन बाफ हबै, अपन लरकन के कडु लग झइ भरा, कहुं असना झइ हुइ जाय कि उनखर दिल टूट जाय।
हे बाफो, अपन लरकन के गुस्सा झइ देबाबा, बलुक परभु के सिक्छा अउ निरदेस देत उनखर पालन पोसन करा।
हरवाह लग मोर बिनती हइ हबै कि तुम सब बातन हे उन मनसे के आदेस माना, जउन ई भुंइ हे तोर गुरू हबै, तुम मनसे के खुस करै के उदेस्य लग केबल देखामै के निता नेहको, बलुक निस्कपट मन लग अउ परभु हे डर अउ बिस्वास रखके असना करा।
तुमही इहो पता हबै कि बाफ के जसना हम कउन मेर तुम मसे हर अक्ठी के संदेस देत अउ तुमही खुस करत तुम्हर निता बिनती करत रहन, जसना बाफ अपन लरका के निता करथै।