7 उहै हे तोर जर गहीर होय अउ उहै हे अपन उन्नत निरमान करा, तुमके जउन बिस्वास के सिक्छा मिले हबै, उहै हे मजबूत बने रहा अउ तोर हिरदय हे धन्यबाद के बिनती उमडत रहै।
ऊ उस मनसे के जसना हबै, जउन घर बनाउत टेम भुंइ हे खोदरा करके पथरा हे नीह डालिस, बाढ आइस अउ नदिया के पानी ऊ घर हे टकराइस पय ऊ पानी घर के नेहको गिराय सकिस, काखे ऊ घर बोहत मजबूत बने रथै।
पय तुमके बिस्वास के नीह हे मजबूत अउ अडे बने रहे चाही अउ ऊ आसा लग नेहको भटके चाही, जउन तुमके संदेस के दवारा देबाय गय हबै, ऊ परचार बादर के तरी सगलू रचना के सुनाय गय हबै अउ मै पोलुस ओखर सेबक बने हव।
कइन मेर के सिक्छा के बहकाबा हे झइ बहि जइहा, काखे मन के निता सही हबै कि ऊ अनुगरह के दवारा मजबूत करे जाय न कि खाय पिये के चीज लग, खाना पीना के रीति रिबाज के दवारा कउनोन के फायदा नेहको हुइस।
हइ मनसे अपन बेसरमी इफाजत लग ऊ तुम्हर संगति के खाना गन्दा धब्बा के जसना हबै, केबल अपन धियान रखथै, हइ बादर के जसना हबै जउन हवा के संग लइ जथै, पय बरसा नेहको लाथै, ऊ उन रूख के जसना जेहमा फडुहा नेहको लगथै, इहां तक कि पतझडो हे रूख जउन जर के खींच लइ गय हबै, अउ पूरी तरह लग दुइ बेर मर चुके हबै।