पय अब तै उठ, अपन गोड पर ठाढ हो काखे मै तो इहैनिता दरसन दय हव कि तोके अक्ठी हरवाह के रूप हे चुने हव, जउन कुछु देखे हस अउ उनके जिनखर निता मै तोके दरसन दइहों ओखर तै गवाह रइहे।
हे पिरिया मोर भाई बेहन जउन मेर तुम हरमेसा मोर बात मानत हबा, उहै मेर अब मोर उपस्थिति लग जादा मोर अनुपस्थिति हे अउ जादा खुसी लग तुम डरत कापत अपन मुकति के काम हे लगे रहा।