23 काखे कि मै देखतो कि तै कडवाहट लग भररे हस अउ पाप के चुंगुल हे फसे हबस।
यीसु उनही जबाब देथै, मै तुम्हर लग सही-सही कथो, जउन कउ पाप करत रथै, ऊ पाप के गुलाम हबै।
तुम सबैमेर के कडवाहट, जलजलाहट, गुस्सा, झगडा, बुरा बोलै बाले, निन्दा अउ चोट पहुंचामै बाले बात तुम्हर लग दुरिहां रहै।
हइ मै इहैनिता गुठेथो, काखे हमु पहिले मूरुख रहन, अउ आदेस न मानै बाले अउ भरम हे पडे हर अउ बोहत मेर के लालच अउ सुखबिलास हे फसे रहन, अउ छुवाछुत, अउ जलन करै हे जीवन जियत रहन, अउ घिनहा रहन, अउ अक दूसर लग इसात रहन।
तुम धियान रखिहा कि कउनो मनसे भगवान के अनुगरह लग दूर झइ रहै, असना कउनो करू जर फुटकै झइ पाबै, जउन नुसकान होय अउ सगलू समाज के असुध्द के दे।
ऊ उनके आजाद करै के टीमा तो करथै, पय खुद पाप के गुलाम हबै, काखे जउन मनसे जेखर लग हार गय हबै, ऊ ओखर हरवाह बन जथै।
जब भगवान उन पापी स्वरगदूतन के माफ नेहको करिस, बलुक उनही नरक के अंधियार कुन्ड हे नियाव के रोज के निता सांकड हे बांध दय हबै।