18 जब समोन हइ देखथै कि चेलन के हाथ धरै लग पवितर आतमा मिलथै, ता ऊ उनखर लिघ्घो पइसा लायके आथै,
नंगहन के सुध्द करा, मरे हरन के जिन्दा करा, कोढिन नंगहन के निक्खा करा, भुतवा के निकारा, तुम फिरी हे पाय हबा फिरी हे देया।
ता पतरस अउ यूहन्ना उनखर हे हाथ धरिन अउ उन पवितर आतमा पाय जथै।
“हइ सक्ति मोके दइदे, कि महुं जेखर हे हाथ धरो, ऊ पवितर आतमा पामै।”
अउ लगेतार झगडा पइदा होथै, हइ सब असना मनसेन के काबिल हबै, जेखर मन बेकार अउ सही लग हट गय हबै, अउ हइ समझथै, कि महिमा फायदा के अक्ठी साधन हबै।