1 हइ मेर साऊल स्तिफनुस के मारै के सहयोग करथै, उहै रोज लग यरुसलेम के मंडली हे बोहत मारपीट सुरू हुइ जथै अउ चेलन के छांड के सगलू के सगलू बिस्वासी मनसे यहूदिया अउ सामरिया देस हे तितर-बितर हुइ जथै।
इहैनिता मै तुमही गुठेथो, कि मै तुम्हर लिघ्घो ग्यानी मनसे अउ दिमाक बाले अउ गुरू के पठोहूं, तुम उन मसे कुछ के मार डरिहा अउ बोहतन के क्रूस हे टंगइहा अउ कुछ के अपन मंडली हे कोडा मरिहा अउ सहर-सहर हे मारत फिरिहा।
जउन बात मै तुम्हर लग कहे हव, ओही सुरता रखिहा, हरवाह अपन मालिक लग बडा नेहको होथै, अगर उन मोके सताय हबै, ता उन तुमो के सतइहिन, अगर उन मोर बचन के मानथै, ता तुम्हरो बात के मनहिन।
अउ मै यरुसलेम हे असना करे रहों अउ परधान याजकन ले हक पाके बोहत ले पवितर मनसेन के जेल हे डालिस, अउ जब उन मार डारे जात रहिन ता मै उनखर बिरोध हे अपन सहमति दय रथो।
हइ उहै हबै, जउन निरजन परदेस के मंडली हे ऊ स्वरगदूत के संग रथै, जउन सीनै डोंगर हे ओखर लग बात करिस, ऊ हमर सियानन के संगो रथै, भगवान लग जिन्दा बचन मिलथै, जेही हमर लिघ्घो तक पहुंचिस।
इहैमेर सगलू यहूदिया, गलील अउ सामरिया कर मंडली के सान्ति हे दिन गुजारथै। ऊ मंडली सक्तिसाली होमय लगिस अउ पवितर आतमा के उतसुक पाय के सक्तिसाली हुइस अउ उन गिनती हे बढत गइन, काखे उन परभु के डेराय कर अपन जीवन बइतीत करथै।