पय मै तुम्हर लग हइ कथो, कि कउ अपन भाई या बेहन लग गुस्सा करही, ऊ स्वरग के अदालत हे सजा के लायक होही, जउन कउ अपन भाई के बेकार कहि, ऊ स्वरग के अदालत के सजा के लायक होही, जउन कउनो के मूरुख कहि, ऊ नरक के आगी के लायक होही।
अउ जिहां तक हम सबके सबाल हबै, हमर छाप हे परदा नेहको हबै अउ हम सब अइना के मेर परभु के उजियार के धियान करथन हइ मेर हम धीरे-धीरे परभु के उजियार हे बढथन हइ उजियार परभु लग मिलथै, मतलब आतमा लग।