इहैनिता मै तुमही गुठेथो, कि मै तुम्हर लिघ्घो ग्यानी मनसे अउ दिमाक बाले अउ गुरू के पठोहूं, तुम उन मसे कुछ के मार डरिहा अउ बोहतन के क्रूस हे टंगइहा अउ कुछ के अपन मंडली हे कोडा मरिहा अउ सहर-सहर हे मारत फिरिहा।
पय तुम चेतन्न रइहा, काखे मनसे तोके मंडली हे सोप देही, अउ तुमही मंडली हे पिटही, मोर नाम के चलते तुमही राजपाल अउ राजा के आगू ठाढ करही, कि उनखर निता गवाह होय।
टेम आमै हे ऊ फसल के हिस्सा पामै के निता किसानन के लिघ्घो अक्ठी हरवाह के पठोथै, कि उन बगिया के बारी के कुछ फडुहा के बांटा उके दे, पय किसान उके मारथै पीटथै अउ छूछे हाथ लउटाय देथै।