24 बिनती भवन के मुखिया के साहबन अउ परधान याजक हइ बात सुनिन, ता इन चकित हुइन कि उन चेलन के काहिन होय होही।
परधान याजक अउ बिनती भवन के सुरक्छा पहरेदार के मुखिया मनसेन लग ऊ बात गुठेथै, कि ऊ कउन मेर यीसु के उनखर हाथ हे पकरवाबै।
ता यीसु परधान याजक अउ बिनती भवन के पंडित मंडली के सुरक्छा सिपाही अउ सियानन लग कथै, का तुम मोके चोरटा समझ के, तलबार अउ लठिया लइके आय हबा?
तब फरीसी मनसे अपन हे कथै, “देखथा, तुम कुछु नेहको के पइहा, देखा सगलू दुनिया ओखे पाछू चलथै।”
उन सब मनसे चकित अउ सक हे पड जथै अउ अक दूसर लग पूछै लग जथै कि “हइ सब काहिन बात हबै?”
जब ऊ मनसेन लग हइ बात कथै, ता धरमी काम करै बाले अउ बिनती भवन के पुजारी अउ सदूकी उनखर हे चढ आथै।
फेर उनही ऊ बोहत हडकाय के छांड देथै, काखे उनही सजा देय के कउनो मेर के बहाना नेहको मिलिस, काखे जउन घटना घटे रथै, ओखर निता सगलू मनसे भगवान कर बडाई करथै।
जब हम जेल हे पहुंचेन ता हम पायन कि जेल के सुरक्छा के तारा लगे हर रथै अउ दूरा हे पहरेदारन के ठाडे पायन पय दूरा खोलन ता भित्तर हमके कउनो नेहको मिलिन।
एतकै हे कउनो आयके उनही संदेस गुठेथै, “देखा जउन मनसेन के जेल हे बेड दय रहा, उन बिनती भवन हे ठाड हुइ के मनसेन के सिक्छा देथै।”
बिनती भवन के सुरक्छा करमी के मुखिया अपन सिपाहिन के संग उछो गइन, बिना बल ताकत के नेहको लानथै, काखे उनही डर रथै कि मनसे कहुं पथरा झइ मारै।