जउन मालिक हबै, ऊ दास के संग असना बेउहार करै अउ उनके डरामै धमकामै के छांड दे, हइ धियान रखत कि तुम दोनो झन के मालिक स्वरग हे हबै, जेखर आदत हे कउनो मेर के पक्छपात नेहको हबै।
तुम्हर दवारा पठोय गइस परभु के संदेस मकिदुनिया परदेस हे नेहको, बलुक अखाया परदेस हे सुनाय गइस, अउ बढत गइस पय भगवान हे तुम्हर बिस्वास के पता चल गइस, एखर बाद कउनो जरूरत नेहको रह गइस कि हइ बारे हे अब हम कुछ कहै।