15 उनही यहूदी आराधनालय लग निकाडे जाय के कथै अउ फेर ऊ अपनै हे सोच बिचार करै लगथै।
पय मै तुम्हर लग हइ कथो, कि कउ अपन भाई या बेहन लग गुस्सा करही, ऊ स्वरग के अदालत हे सजा के लायक होही, जउन कउ अपन भाई के बेकार कहि, ऊ स्वरग के अदालत के सजा के लायक होही, जउन कउनो के मूरुख कहि, ऊ नरक के आगी के लायक होही।
पय ऊ उस मनसे के जउन निक्खा होय रथै, उनखरै संग ठाड देखथै, इहैनिता उनखर लिघ्घो कहै के निता कुछु नेहको रथै।