जब यीसु जैतून डोंगर हे बइठे रथै, ता सुनसान हे चेला ओखर लिघ्घो आयके कथै, “हमके गुठे हइ बात कब होही? जब तै फेर अइहे अउ हइ दुनिया कर आखरी होय के चिन्हा काहिन होही?”
ऊ अक रोज निस्चित करथै, जब ऊ अपन नियुक्त करे गइस, अक्ठी डउका के दवारा नियाव के संग दुनिया के निरनय करही, भगवान मरे हर मसे उके जिलायके ऊ हर कउनो के हइ बात के सबूत दय हबै।
जरूरी हबै कि ऊ स्वरग हे ऊ टेम तक रही, जब तक कि हइ सगलू बात पहिलेन जइसन सुधारे नेहको जही, बोहत पहिलेन लग जेखर बारे हे भगवान अपन पवितर ग्यानी मनसेन के दवारा गुठे हबै।