30 ऊ पूर दुइ साल अपन भाडे के घर हे रहिस, ऊ सब मनसेन के सोगत करथै जउन ओखर लग मिलै आथै।
यीसु उनखर लग कथै, चलके खुदय देख ला, तब चेला ओखर रहै के जिघा देखथै अउ ऊ रोज ओखर संग रथै, असना रोज के दसमा घंटा के करीब रथै।
जब हइ बात होय चुकथै ता पोलुस आतमा हे ठानथै कि मकिदुनिया अउ अखाया लग हुइके यरुसलेम छो जहुं अउ कथै, “उहां जाय के बाद मोके रोम सहर के देखै के जरूरी हबै।”
दुइ साल असना बीत जाय के बाद फेलिक्स के जिघा पुरकियुस, फेस्तुस स्वीकार के लेथै, काखे फेलिक्स यहूदिन के खुस रखै के चाहथै, इहैनिता ऊ पोलुस के जेल हे बनाय के रख देथै।
जब हम रोम हे पहुंचेन, ता पोलुस के अक्ठी सिपाही के संग जउन ओखर देख रेख करथै, अकेल्ले रहै के आदेस मिल गइस।
जब ऊ कथै ता यहूदी अपनय हे बोहत झगडा करै लागथै अउ झगडा करत उहां लग कढ गइन।
अउ जउन ओखर लिघ्घो आथै, उन सबले मिलथै अउ बिगैर रोकटोक के बोहत निडर हुइके भगवान कर राज के परचार करथै अउ परभु यीसु मसीह के बारे हे सिक्छा देथै।
अउ मै भगवान के इक्छा लग तुम्हर निता खुसी के संग आयके तुम्हर संग अराम पाहूं।
का उनो मसीह के सेबक हबै? मै पगलन के जसना कथो, मै उनखर लग बढके हबो मै उनखर लग बोहत मेहनत करे हव, उनखर लग मै कहुं जादा जेल हे धंधररे रहों, अनगिनत बेर मारे गय हव, घरी-घरी मोर जीव परेसानी हे पडे हबै।
हम कोडा लग मार खायन, जेल हे डाले गयन, हमर उप्पर भीड उत्पात करिन, हम बोहत जादा मेहनत करन, हम दिन-रात जगन अउ उपास रहन।
राजमहल के सगलू सिपाही लग हइ बात फइल गइस कि मै मसीह के कारन जेल हे हबो।
बलुक ऊ रोम सहर पहुंच के मोर पता लगामै का कस्ट करिस अउ ऊ मोर लग मिलै आइस।
बचन परचार करत टेम निक्खा या बेकार हरमेसा तइयार रहा, बडा धीर लग अउ सिक्छा दे के उदेस्य लग मनसे के समझाबा, गधार अउ प्रोत्साहन करा।