27 काखे इन मनसेन के मन मोटा, अउ उनखर कान भारी हुइ गय हबै, अउ उन अपन आंखी बन्द करे हबै, असना न होय कि, उन कहुं आंखी लग देखय, अउ कान लग सुनय, अउ मन ले समझय, अउ फेर मै उनके निक्खा करी।
उनखर बारे हे यसायाह ग्यानी मनसे आगू कर बात कहे हर उनखर हे पूर होथै, तुम सुनिहा जरूर, पय नेहको समझिहा, तुम देखत तो रइहा पय तुमही कउनो ग्यान नेहको होही।
काखे हइ मनसेन के मन बेकार हुइ गय हबै अउ हइ कान लग बोहत सुनै लगे हबै, उन अपन आंखी मूंद लय हबै, जेखर लग कहुं असना झइ होय कि आंखी लग देखै, अउ कानन लग सुनै, अउ दिमाक लग समझै, अउ मोर पल्ला लउट आमै, ता मै उनही निक्खा कर दो।