पय तोर आगू हइ स्वीकार करथो, कि मै अपन पुरखन के रास्ता हे चल के भगवान के सेबा करथो, मै ऊ बात हे बिस्वास करथो, जेही मूसा कर नियम बताथै अउ जउन ग्यानी मनसेन के किताब हे लिखवरे हर हबै।
आने जात हे तुम्हर चाल चलन निक्खा होय, जेखर लग कि जेखर बारे हे उन तुमही अपराधी मेर जानके बदनाम करथै, तुम्हर निक्खा काम के देखके ऊ आगमन के रोज भगवान कर महिमा करही।