21 उन ओखर ले कथै, “न हम तोर बारे हे यहूदिया ले चिट्ठी पायन, अउ न भाइन मसे कउनो आयके तोर बारे हे कुछ गुठेइन अउ न बुरा के।
खुदय महा पुजारी अउ सियानन के सगलू हइ बात के गवाह हबै, मै दमिस्क हे इनखर भाई के नाम उनखर लग चिट्ठी लयो, अउ परभु के रास्ता बाले समूह के उहां रहै बाले मनसेन के पके के बन्दी के रूप हे यरुसलेम लामै के निता मै गय रथो, ता उनही सजा दिलाय सको।
उहां हम के बिस्वासी भाई मिलिस, अउ उनखर गुठे लग हम उनखर इहां सात रोज तक रहन अउ इहैमेर हम रोम तक आय गइन।
अउ हे भाइयो, मै जानथो कि हइ काम तुम अनजाने हे करे हबा, ओसनेन तुम्हर सरदार करे हबै।
काखे मै इहै चाहत रहों कि अपन भाई के निता, जउन देह के मेर लग मोर बिरादरी हबै, खुदय मसीह लग सापित हुइ जथो अउ मसीह लग अलगे हुइ जांव।