28 थाह लेय हे उन बीस पुरसा दहार पानी पाथै, अउ चुटु आगू बढके फेर थाह लैथै ता पन्दरा पुरसा पाथै।
जब चउदमा रात आथै अउ हम अद्रिया समुन्दर हे भटकत रहन, ता आधी रात के केउंटा अनुमान करिस कि हम कउनो देस के लिघ्घो पहुंचथन।
तब पथरहली जिघा ले टेकराय के डर ले उन जिहाज के पाछू पल्ला चार लंगर डालिन, अउ सुबेन्नेन होय के ओरगथै।