27 जब चउदमा रात आथै अउ हम अद्रिया समुन्दर हे भटकत रहन, ता आधी रात के केउंटा अनुमान करिस कि हम कउनो देस के लिघ्घो पहुंचथन।
हइ सगलू धन टेम भर हे समापत हुइ गइस।” हर अक्ठी पानी बाले जिहाज के मालिक, हर अक्ठी ढिमरा अउ हर अक्ठी यातरी अउ जउन कउ समुन्दर लग कमाथै, ऊ महानगरी लग दुरिहां ठाढ रहै।
पय जब केउंटा नाह जिहाज पर ले भागै चाहथै, इहैनिता उन गलही लग लंगर डालै के बहाने नाह जिहाज समुन्दर हे उतार दिहिन,
पय हमके कउनो टापू हे जायके होही।”
थाह लेय हे उन बीस पुरसा दहार पानी पाथै, अउ चुटु आगू बढके फेर थाह लैथै ता पन्दरा पुरसा पाथै।