2 हम आसिया परदेस के बन्दरगाह के जाय बाले अन्द्रमुत्तियुम नगर के अक्ठी नाह जिहाज हे बइठ के रवाना हुइ गयन, मकिदुनिया देस के थिस्सलुनीके नगर के रहै बाले अरिस्तर्खुस नाम अक्ठी बिस्वासी हमर संग रथै।
पय उहां रुकय के अपन टेम पूर करके हम बिदा लयन अउ अपन यातरा पूर करथै, अपन डउकी अउ अपन लरकन के लइके नगर के बाहिर आइस उहां सागर हे घुटवा के बल झुक के बिनती करन।
अरिस्तर्खुस, जउन मोर संग कैदी हबै, अउ बरनबास के भाई मरकुस तुम सब के नमस्ते कथै, मर के बारे हे तुमके आदेस मिल चुके हबै, अगर ऊ तुम्हर इहां आबै, ता उनखर सोगत करा।