मै अक्ठी यहूदी मनसे हबो, जउन किलिकिया के तरसुस हे मोर पइदाइस हुइस, पय हइ सहर हे गमलीएल के गोड लिघ्घो बइठ के हमर सियानन के नियमन के जसना बडी कडाइ के संग सिक्छा पाय हव, भगवान के परति मै बडा समरपित रहों, जसना आज तुम सबझन हबा।
खुदय महा पुजारी अउ सियानन के सगलू हइ बात के गवाह हबै, मै दमिस्क हे इनखर भाई के नाम उनखर लग चिट्ठी लयो, अउ परभु के रास्ता बाले समूह के उहां रहै बाले मनसेन के पके के बन्दी के रूप हे यरुसलेम लामै के निता मै गय रथो, ता उनही सजा दिलाय सको।
तब पोलुस के पता चलिस कि उनखर लग कुछ मनसे सदूकी हबै, अउ आधा फरीसी ता पंचायत के बीच ऊ बोहत आरो हे कहिस, हे भाई मै फरीसी यहों, अक्ठी फरीसी के टोरवा यहों, मिरतू के बाद फेरै लग जी उठै के परति मोर आसा के कारन मोर उप्पर केस चलाय गइस।
पय तोर आगू हइ स्वीकार करथो, कि मै अपन पुरखन के रास्ता हे चल के भगवान के सेबा करथो, मै ऊ बात हे बिस्वास करथो, जेही मूसा कर नियम बताथै अउ जउन ग्यानी मनसेन के किताब हे लिखवरे हर हबै।