30 तब राजा अग्रिप्पा राजपाल फेस्तुस अउ बिरनीके अउ उनखर संग बइठे हर मनसे उठ गइन।
पय यदि लडाई झगडा सब्दो अउ नामो अउ तुम्हर खुदय के नियम के बारे हे हबै, ता तुमिन जाना काखे कि मै इन बातन के नियाइपन नेहको बनै चाहथो।”
इहैनिता अगले रोज अग्रिप्पा अउ बिरनीके बडी पहिन ओढ के संग आइस, अउ उन सेनापति के अउ सहर के खास मनसे के संग पंचायत भवन हे गइस। फेस्तुस आदेस देथै अउ पोलुस के उहां लग लइ गइन।
उहां लग बाहिर निकरके ऊ अपन हे बात करत कहै लागथै, हइ मनसे कुछु नेहको करे हबै, जेही उके मिरतू के सजा या जेल हे बन्द रख सकि।
पय तोर बिचार काहिन हबै? उहै हम तोर ले सुनय चाहथन, काखे हम जानथन कि हर जिघा हइ मत के बिरोध हे मनसे बात करथै।”