उके बचन हे बिस्वास हे बने रहै चाही, जसना उके सिक्छा दय गय रहिस, ताकि मनसे के सही सिक्छा दइके उनही सिखाय सकै, अउ बचन के बिरोध हे बहस करै बाले के बिस्वास देबाय सकै।
तुम बुराई के बदला बुराई झइ करा अउ न गारी के बदला गारी देया, पय एखर उलटा आसीस देया, काखे इहै करै के निता तुम बुलाय गय हबा, कि तुमही फिरी हे आसीस पाय सका।