दुइ साल असना बीत जाय के बाद फेलिक्स के जिघा पुरकियुस, फेस्तुस स्वीकार के लेथै, काखे फेलिक्स यहूदिन के खुस रखै के चाहथै, इहैनिता ऊ पोलुस के जेल हे बनाय के रख देथै।
अउ यहूदी मंडली हे उनके सजा दय करथो अउ भगवान के बुराई ऊ बिस्वास के छांडै के निता दबाव के परयास करथो, उनखर पल्ला मोर गुस्सा एतका अधिक रथै कि उनके सतामै के निता बाहर के सहर तक गयों।