पय ई बातन के आगू ऊ मनसे तुमही बन्दी बना लइहीं अउ सतइही, ऊ तुम्हर उप्पर अधिकार के आदेस चलाय के निता तुमके मंडली दरबार हे दइ देइही अउ फेर मोर नाम के कारन ऊ तुमही, राजा अउ राजपालो के आगू लइ जइही।
पय एखर बारे हे परभु राजपाल के लिघ्घो लिख पठोमै के मोर लिघ्घो कउनो निस्चित बात नेहको हबै, मै इके इहैनिता तुम्हर आगू खास रूप लग हे राजा अग्रिप्पा तुम्हर आगू लाय हबो ताकि हइ जांच पडताल के बाद लिखे के मोर लिघ्घो कुछु होय।
खुदय राजा हइ बातन के जानथै, मै निडर हुइके बोलथो, हइ बात जानथा अउ मोके बिस्वास हबै कि इन बातन मसे कउनो बात ओखर लग छुपे नेहको हबै, काखे हइ घटना कउनो कोन्टा हे नेहको हुइस।